वहीं आपदा प्रबंधनको लेकर लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगे हैं। बताया जा रहा है कि अचानक एक के बाद एक गिरे भारी-भरकम पत्थरों से वाहन चालक संभल नहीं पाया और कार पूरी तरह से मलबे में दब गई। लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद पत्थर हटाए और कार से तीन लोगों को बाहर निकाला, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
पहले कर चुके थे मलबा हटाने की गुजारिश
जसौर के वार्ड पंच मनजीत कुमार, प्यारे लाल, दीनानाथ, करनैल और हरनाम सिंह ने बताया कि क्षेत्रवासियों के आग्रह को यदि विभाग ने मान कर पहाड़ी की चट्टानों को पहले ही हटा दिया होता तो आज तीन परिवारों पर दुखों का पहाड़ न गिरता।
घटनास्थल पर विभाग की जेसीबी का समय पर न पहुंचना और पुलिस द्वारा घटनास्थल पर देरी से पहुंचने से भड़के क्षेत्रवासियों ने नारेबाजी करके अपना रोष व्यक्त किया।
लोगों ने बाहर निकाले शव
बहरहाल इस हादसे ने तीन परिवारों को झकझोर कर रख दिया है। 30 से 40 वर्ष के बीच की उम्र के तीनों युवक विवाहित थे। बड़ोह रोड के नवदीप ठाकुर (सोनू), 53 मील के राजकुमार और घुरकड़ी के धीरेंद्र शर्मा अपने परिवार तथा नन्हे बच्चों को बिलखता छोड़ गए।